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कैसे कविता कुछ खास लिखूं-01-Feb-2024

कैसे कविता मैं खास लिखूं


कैसे कविता मैं खास लिखूं 

अंतर्मन का विश्वास लिखूं 

सब गूंग हुए सब वधिर हुए 

कैसे किसका इतिहास लिखूं?


सच है मुझको अधिकार मिला 

कालमों जैसा हथियार मिला 

अफसोस बात की एक यही 

कि झूठ को कैसे सांच लिखूं?


कोई धर्म जाति में है अंधा 

कोई इसे बनाया है धंधा 

और लूट रहा है जन-जन को 

कैसे ना सब परिहास लिखूं?


हर जगह मचा झगड़ा दंगा

हो चुका सोंच तन मन गंदा

हो मौन सभी कहते न कुछ

मौन को क्या अट्टहास लिखूं?


पर चुप रहना ना धर्म मेरा

मैं मौन रहूं ना कर्म मेरा

चुप रहना तो मर जाना है

मुर्दों में चलती सांस लिखूं?


मर गया है सबका आन बान

शोहरत शौकत सब शान मान

खुद से खुद को गिर जाने को

कैसे उत्तम सम्मान लिखूं?


बन गये थे मानव से मानव

फिर चले हो बनने क्यों दानव

तुम मरे नहीं हो जिंदा हो 

जिंदा को कैसे लाश लिखूं?

 


                 रचनाकार

            रामबृक्ष बहादुरपुरी

         अम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश 






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5 Comments

बहुत सटीक

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Mohammed urooj khan

03-Feb-2024 12:28 AM

👍👍👍👍

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आभार

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Gunjan Kamal

02-Feb-2024 04:10 PM

👏👌

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